भोपाल

 ड्राइवर्स की हड़ताल पर एमपी हाईकोर्ट सख्‍त, स्‍टाइक को बताया असंवैधानिक, सरकार को दिए न‍िर्देश

 ड्राइवर्स की हड़ताल पर एमपी हाईकोर्ट सख्‍त, स्‍टाइक को बताया असंवैधानिक, सरकार को दिए न‍िर्देश
स्कूल बंद-सब्जियां महंगी, पेट्रोल पंप पर लंबी लाइनें; ड्राइवरों की हड़ताल से MP समेत कई राज्यों में हाहाकार
ड्राइवरों की हड़ताल का हर तरफ असर; इंदौर की मंडी में नहीं पहुंचे ट्रक, सब्जियों के रेट में तिगुना उछाल
सरकार को ड्राइवरों की हड़ताल खत्‍म करवाने के निर्देश, आवश्‍यक वस्‍तुओं की उपलब्‍धता सुनिश्चित की जाए
जबलपुर: मध्‍य प्रदेश में इन दिनों हिट एंड रन कानून के विरोध में जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। ड्राइवर्स हड़ताल पर हैं, ऐसे में कई जरूरत की सामग्री नहीं पहुंच पा रही है। ट्रक ड्राइवर्स-संचालकों की हड़ताल के खिलाफ जबलपुर हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई। मंगलवार को हाई कोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्‍य शासन को सख्‍त निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने सरकार से आज ही हड़ताल खत्‍म कराने के लिए कहा है।
मध्‍य प्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर ने हिट एंड रन कानून का विरोध कर रहे ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल समाप्त करने के लिए राज्‍य सरकार को निर्देश दिए हैं। हाई कोर्ट की ओर से हड़ताली ट्रक ड्राइवर एसोसिएसन को नोटिस भी जारी किया गया। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से जनहित याचीका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने हड़ताल को जल्‍द खत्‍म कराने के लिए राज्‍य सरकार को कहा है।
मप्र शासन ने हाईकोर्ट में वचन देते हुए कहा है कि आज ही हड़ताल को समाप्त करने कड़े कदम उठाएगी। शासन की ओर से महाधिवक्ता ने पक्ष रखते हुए कहा कि आवश्यक वस्तु अधीनियम की धारा 5 के तहत सरकार को अधिकार है कि वो आवश्यक वस्तुओं का सुचारु रूप से संचालन हो और सभी व्यक्तियों को सुविधाओं का लाभ मिले।
राज्‍य शासन की ओर से हाई कोर्ट में वचन दिया गया कि आज ही इस संबंध में सरकार कठोर कदम उठाएगी ओर सुनिश्चित करेंगी कि किसी भी स्थिति में आवश्यक वस्तु प्रभावित न हो इसके लिए कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। इस मामले कि अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद कि जायेगी।

----------------

मध्य प्रदेश में महंगाई बढ़ने की आशंका! दूध-सब्जी समेत आटा भी हो सकता है महंगा
भोपाल: केंद्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ ट्रक, डंपर और बस चालक सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका यह आंदोलन मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा, जिससे मध्य प्रदेश में दूध और सब्जी की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई। दूध-सब्जी ले जाने वाले हजारों ट्रक राष्ट्रीय, अंतर-राज्य या राज्य राजमार्गों पर विभिन्न स्थानों पर फंसे रहे और राज्य में नहीं पहुंच सके।
एमपी के कई हिस्सों में डिलीवरी सुबह 10 बजे या उसके बाद बहुत देर से हुई। मध्य प्रदेश में सहकारी समितियों या खेतों और कॉरपोरेट्स से दूध ले जाने वाले अधिकांश ट्रकों को रोक दिया गया। दूध इंदौर, देवास और भोपाल समेत कई जिलों में प्रतिदिन इंसुलेटेड टैंकरों में लाया जाता है। इंसुलेटेड मिल्क-टैंकर में 20 टन तक दूध ले जाने की क्षमता होती है, जहां से इसे अंतिम खुदरा विक्रेताओं तक वितरण के लिए दो-तीन टन की क्षमता वाले मिनी-टैंकरों में ट्रांसफर किया जाता है। मध्य प्रदेश में बड़ी मात्रा में कई लाख लीटर से ज्यादा दूध की खपत होती है। इसका उत्पादन खेतों या बाहरी इलाकों में होता है, इसलिए इसकी आपूर्ति प्रभावित हो रही है। अगर दूध के टैंकरों को तेज धूप में लंबे समय तक सड़कों पर छोड़ दिया जाएगा, तो पाश्चराइजेशन के बाद दूध का स्टॉक खराब हो जाएगा और इसे फेंकने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। दूध के 'अकाल' के साथ-साथ प्रदेश भर को ईंधन, पेट्रोल और डीजल की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। कई बड़े जिलों में पेट्रोल पंप बंद हो गए हैं। इससे वाहन मालिक चिंता में हैं और उपभोक्ताओं के बीच भी चर्चा शुरु हो गई है, क्योंकि सब्जियों, फलों और खाद्यान्न या आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है और कीमतें बढ़ सकती हैं। विभिन्न पेट्रोल पंपों पर वाहनों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं क्योंकि फ्यूल टैंकर ड्राइवर्स भी नए एमवी अधिनियम नियमों के विरोध में आंदोलन में शामिल हो गए हैं।

----------------
देश के विभिन्न शहरों का ऐसा हाल
ट्रक चालकों की हड़ताल के बीच ईंधन की किल्लत होने की आशंका के कारण मुंबई और नागपुर में पेट्रोल पंप पर मंगलवार को लंबी कतारें देखी गयीं। ट्रक चालकों की हड़ताल से नागपुर में लोगों ने आनन-फानन में सोमवार रात से पेट्रोल पंप पर कतारें लगानी शुरू कर दी। हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने ट्रक चालकों की हड़ताल के मद्देनजर पुलिस से बाजार में पेट्रोल, डीजल और एलपीजी सिलेंडर की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है। ट्रांसपोर्टरों के एक संगठन ने मंगलवार को दावा किया कि ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल से मध्य प्रदेश में लगभग पांच लाख वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। 


--------------------------

ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल से MP में हजारों यात्री परेशान, 5 लाख गाड़ियों की आवाजाही प्रभावित
हिट एंड रन कानून का विरोध कर रहे ट्रक और बस ड्राइवरों की हड़ताल से कई राज्यों में हाहाकार मचा हुआ है। लोग कई घंटों से जाम में फंसे हैं, पेट्रोल पंप सूख रहे हैं, दूध-सब्जियों की सप्लाई पर भी असर पड़ रहा है। इस बीच ट्रांसपोर्टरों के एक संगठन ने मंगलवार को दावा किया कि इस हड़ताल से मध्य प्रदेश में लगभग पांच लाख वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। हालांकि, एमपी के विभिन्न जिलों और भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे प्रमुख शहरों में प्रशासन ने कहा कि उनके अधिकार क्षेत्र के तहत पेट्रोल पंपों पर ईंधन की कोई कमी नहीं है। नए कानून का विरोध कर रहे ड्राइवरों ने मध्य प्रदेश की कई जगहों पर सोमवार से काम बंद किया हुआ है और सड़के भी जाम की हुई हैं। इस कानून में प्रावधान है कि तेज रफ्तार से आ रही गाड़ी से अगर किसी का एक्सीडेंट हो जाता है और ड्राइवर बिना पुलिस या अधिकारियों को बताए वहां से भाग जाता है उसे 10 साल की सजा और 7 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। वहीं ड्राइवरों का कहना है कि कई बार हादसे के बाद वहां पर रहने से भीड़ के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है।  वहीं ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष (पश्चिमी क्षेत्र) विजय कालरा ने दावा किया है कि नए कानून के खिलाफ ड्राइवरों की हड़ताल के कारण मध्य प्रदेश में करीब पांच लाख छोटे-बड़े वाहन नहीं चल पा रहे हैं. कालरा ने मांग की कि सरकार हिट-एंड-रन मामलों में ड्राइवरों को कड़ी सजा के प्रावधानों को वापस ले और सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए, विशेष रूप से राजमार्गों पर वाणिज्यिक वाहनों के लिए अलग लेन बनाई जाए।  ग्वालियर में आंदोलनरत ड्राइवरों ने झांसी रोड पर विरोध प्रदर्शन किया। अधिकारियों के अनुसार, ड्राइवरों की हड़ताल के कारण इंदौर शहर में सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं के साथ-साथ अंतर-शहर यात्री बसों का संचालन भी प्रभावित हुआ है, जिससे हजारों यात्रियों को असुविधा हुई है।
--------

पूर्व सीएम कमलनाथ का बयान
लोकतंत्र में एकतरफा फैसलों के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। संसद में संवाद के बिना ट्रक ड्राइवर्स के खिलाफ कठोर कानून बनाना समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग पर हमला है। कानूनों के विरोध में हो रही हड़ताल से जनजीवन प्रभावित हो रहा है। सरकार को ड्राइवर्स से बात कर समस्या का सर्वसम्मत हाल निकालना चाहिए।
--------------------
भोपाल में बैरसिया यूनियन ने समाप्त की हड़ताल
भोपाल में बैरिसया यूनियन ने हड़ताल समाप्ति की घोषणा कर दी है। मध्य प्रदेश चालक-परिचालक यूनियन ने एसडीएम बैरसिया को ज्ञापन सौंप कर दो दिवसीय शांतिपूर्ण हड़ताल समाप्त करने की बात कही है। ज्ञापन में कहा गया है कि यूनियन की ओर से हड़ताल समाप्त कर दी गई है। अब कोई अप्रिय घटना होती है तो उसके लिए यूनियन जिम्मेदार नहीं होगी।