‘रोड पर आम आदमी बगैर हेलमेट चले, तो पुलिसवाले हर चौराहे पर रोकते हैं। मेरी बेटी के हत्यारे बिना हेलमेट हाइवे पर बाइक दौड़ा रहे थे। उन पर 13 केस दर्ज थे। कहीं किसी पुलिसवाले ने नहीं रोका। मेरा घर सूना हो गया, हत्यारे के एनकाउंटर से वो सूनापन भरेगा क्या?’
कीर्ति के पिता रविंद्र कुमार इससे आगे कुछ बोल नहीं पाते। उनकी आंखें नम हो गईं, गला भर आया।
19 साल की कीर्ति गाजियाबाद के ABES कॉलेज से BTech कर रही